डीजीपी और डीएम दोनों पुलिस के ही पद होते हैं लेकिन क्या आपको पता है कि इन दोनों पदों पर इन्हें कितनी सैलरी मिलती है और डीजीपी और डीएम इन दोनों में से किसके पास ज्यादा पावर होती है अगर आपको नहीं पता है तो आइए आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताते हैं कि डीजीपी और डीएम में से किसके पास ज्यादा पावर होती है और इन दोनों में क्या अंतर होता है तो अगर आप इसके बारे में पूरी इन्फॉर्मेशन लेना चाहते हैं तो इस आर्टिकल को पूरा पढि़ए.
डीजीपी और डीएम में क्या अंतर होता है?
डीएम का पूरा नाम District Magistrate होता है जिसे हिंदी में जिला अधिकारी या कलेक्टर कहते हैं जबकि डीजीपी का पूरा नाम Director General of Police होता है जिसे हिंदी में ही पुलिस महानिदेशक कहते हैं डीएम एक जिले का मुख्य भारी अधिकारी होता है जबकी डीजीपी एक राज्य में पुलिस विभाग का सबसे बड़ा अधिकारी होता है डीएम के अंडर सिर्फ एक ही जिले में तहसीलदार, एसडीएम, पटवारी आदि सभी अधिकारी कार्य करते हैं.
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जबकि डीजीपी के अंडर राज्य के केवल पुलिस विभाग के सभी अधिकारी SP, SP, DIG, IG आदि सभी अधिकारी कार्य करते हैं डीएम एक जिले में किसी भी विभाग की पुलिस विभाग, बिजली विभाग, जल विभाग, स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग आदि किसी भी विभाग के कार्यो की जांच कर सकता है इसके साथ ही जिले में चलने वाले सभी कार्यों की जिम्मेदारी डीएम की होती है सरकारी ऑफिसर्स के तबादले, छुट्टी और उनकी सैलरी से संबंधित बजट को भी डीएम ही देखता है जबकि डीजीपी एक राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए जिम्मेदार होता है उनके लिए सख्त कदम उठाना आदि कार्यों की जिम्मेदारी डीजीपी की होती है तो इस तरह से डीएम सिर्फ एक चीजें के कार्यभार को संभालता है जबकि डीजीपी एक राज्य में पुलिस विभाग को सम्भालता है.
पहचान के तौर पर डीएम की कोई वर्दी नहीं होती जब डीजीपी के कंधे पर देगा एक अशोक स्तंभ और नीचे रोड और तलवार से क्रॉस बना होता है और आईपीएस लिखा होता है डीएम की गाड़ी पर जहाँ कलेक्टर या डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट लिखा होता है वहीं डीजीपी की गाड़ी पर एक झंडा और नीचे तीन स्टार बने होते है.
डीजीपी और डीएम कैसे बनते है?
डीएम UPSC या PSC के द्वारा बन सकते हैं जबकि डीजीपी सिर्फ यूपीएससी के द्वारा ही बनते हैं दरअसल यूपीएससी के अंतर्गत तीन सर्विसेज आती है आईएएस, आईपीएस और आईएफएस, तो डीएम का पद आईएएस सर्विसेज के अंतर्गत आता है जबकि डीजीपी का पद आईपीएस सर्विसेज के अंतर्गत आता है तो एग्जाम पास करने के बाद आईएएस सर्विसेज के अंतर्गत कैंडिडेट को सबसे पहले किसी जिले में एसडीएम या एसडीओ के पद पर नियुक्त किया जाता है जिसके लगभग 4 साल के बाद कैंडिडेट का प्रमोशन ADM के रूप में होता है फिर जिसके लगभग 9 साल के बाद कैंडिडेट का प्रमोशन डीएम के रूप में होता है.
इसी तरह एग्जाम बाद करने के बाद आईपीएस सर्विसेज के अंतर्गत कैंडिडेट को सबसे पहले डीएसपी के पद पर नियुक्त किया जाता है इसके कुछ सालों के बाद प्रमोशन होने पर ASP बनते है फिर एएसपी से एसपी, फिर एसएसपी, डीआईजी, आईजी, एडीजीपी और फिर आखिर में जाकर डीजीपी बन पाते है डीएम और डीजीपी दोनों पदों के लिए कैंडिडेट का किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन पास होना जरूरी होता है.
डीजीपी और डीएम की सैलरी में कितना अंतर होता है?
डीएम को प्रतिमाह 90,000 से 1,50,000 रूपये के लगभग सैलरी मिलती है जबकि डीजीपी को प्रतिमाह 1,50,000 से 2 लाख रूपये के लगभग वेतन मिलता है इसके साथ ही डीएम और डीजीपी दोनों को रहने के लिए सरकारी आवास, नौकर, कुक, माली आदि सभी सुख सुविधाएं मिलती है.
डीजीपी और डीएम में किसके पास ज्यादा पॉवर होती है?
डीएम सिर्फ एक जिले को संभालता है जबकि डीजीपी एक पूरे राज्य के पुलिस विभाग को सम्भालता है पूरे राज्य का पुलिस विभाग उनके इशारे पर कार्य करता है तो इस तरह से देखा जाए तो डीजीपी का पद डीएम के पद से बड़ा होता है और उनके पास ज्यादा पावर होती है.
आज आपने क्या सीखा?
तो आज इस आर्टिकल में हमने आपको डीजीपी और डीएम में होने वाले अंतर से रिलेटेड पूरी जानकारी दी है अगर आपको इससे रिलेटेड कोई जानकारी चाहिए तो आप हमें कमेंट में बता सकते हैं.
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